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नई दिल्ली , रोहित शर्मा और विराट कोहली ने 7 और 12 मई को टेस्ट से संन्यास ले लिया। उनके रिटायरमेंट से टीम में लीडरशिप की कमी हो गई। रोहित 4 साल से कप्तान थे, वहीं कोहली की कप्तानी में टीम ने 8 साल तक विदेश में 15 टेस्ट जीते।

जसप्रीत बुमराह, केएल राहुल, मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा ही टीम के सीनियर प्लेयर बचे। राहुल और बुमराह को कप्तानी का अनुभव है। वहीं युवा शुभमन गिल और ऋषभ पंत भी कप्तानी की रेस में बने हुए हैं।

जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 2 टेस्ट में कप्तानी की। पर्थ में टीम को जीत मिली, लेकिन सिडनी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया। मुकाबले की पहली पारी में ही बुमराह इंजर्ड हो गए, उन्हें बैक स्पास्म की शिकायत हुई। जिसके बाद वह मैच में दोबारा बॉलिंग नहीं कर सके, इस कारण भारत दूसरी पारी में दबाव भी नहीं बना सका।

बुमराह अक्सर फिटनेस से जूझते नजर आए हैं, 2022 में आखिरी बार इंजर्ड होने के बाद वह करीब 15 महीने तक क्रिकेट से दूर रहे थे। उन्हें लंबी टेस्ट सीरीज के दौरान 1-2 मैच का रेस्ट देना भी जरूरी होता है। भारत में तो जीतने के लिए बुमराह का सभी मैच खेलना जरूरी भी नहीं। इसलिए उनका परमानेंट कप्तान बनना मुश्किल है।

फिर भी अगर बुमराह कप्तान बने तो टीम को 1 या 2 उप कप्तान बनाने होंगे, जो बुमराह की गैरमौजूदगी में जिम्मेदारी संभालते रहें। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुमराह ने फिटनेस का हवाला देते हुए कप्तानी करने से मना कर दिया है। उनका इंग्लैंड में सभी मैच खेलना भी मुश्किल है।

भारत की मौजूदा टीम में कुछ ही प्लेयर्स ऐसे हैं, जिनकी प्लेइंग-11 में जगह खतरे में नहीं दिखती। ऋषभ पंत उनमें से एक हैं। पंत पिछले 6 साल में दुनिया के बेस्ट विकेटकीपर बैटर बन चुके हैं। वे इस फॉर्मेट में कई मैच विनिंग पारियां खेल चुके हैं। पंत ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में शतक लगाने वाले इकलौते भारतीय विकेटकीपर भी हैं।

पंत को कप्तान बनाना थोड़ा रिस्की हो सकता है, क्योंकि उनकी बैटिंग भी बहुत रिस्की रहती है। मैनेजमेंट अगर उन्हें कप्तान बनाए तो टीम को उनकी बैटिंग की तरह ही कप्तानी में भी चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिल सकते हैं। पंत ने किसी भी फॉर्मेट में भारत की कप्तानी नहीं की। हालांकि, उन्हें IPL और घरेलू क्रिकेट में कप्तानी का अनुभव जरूर है।